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मोदी ने कहा कि इलेक्टोरल बांड स्कीम काले धन पर वार थी, राहुल ने बताया वसूली का धंधा

 16 Apr 2024

देश में चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक क़रार दिये जाने के बावजूद इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि इसके ज़रिए काले धन पर नियंत्रण की कोशिश की गयी थी। बाद मेें विपक्षी दल भी इस स्कीम के ख़त्म होने पर अफ़सोस करेंगे। मोदी के इस इंटरव्यू पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गाँधी ने कहा है कि यह वसूली स्कीम थी जिसके मास्टरमाइंड मोदी थी। 


पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर क्या बोला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में विपक्षी दलों पर इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आगे चलकर यह ईमानदारी से सोचेंगे तो पछताएंगे। मोदी ने कहा इलेक्टोरल बॉन्ड का उद्देश्य चुनाव में काला धन ख़त्म करना था। उन्होंने कहा यह काला धन ख़त्म करने एक कोशिश थी। लेकिन इस योजना के बंद होने के बाद विपक्ष आगे जा कर पछताएगा। पीएम मोदी ने तर्क दिया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी आने के बाद पता चला कि किन कंपनियों ने चंदा दिया है। चंदे का सिर्फ 37 फीसदी  बीजेपी को मिला है और 63 फीसदी BJP विरोधी विपक्षी दलों को।


राहुल गाँधी ने क्या कहा


कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा कि डाटा साफ़ बताते हैं कि इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा देने वाली कंपनियों को ठेके दिये गये। यही नहीं, सीबीआई जाँच भी बंद कर दी गयी। राहुल ने पीएम मोदी को इलेक्टोरल बॉन्ड का मास्टरमांइड बताते हुए  कहा कि उनका झूठ पकड़ा गया, तभी इंटरव्यू दे रहे है। राहुल ने कहा कि  प्रधानमंत्री से पूछा जाना चाहिए कि जिस कंपनी पर सीबीआई की जांच चल रही हो, अचानक वह बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दे और और उसके ख़िलाफ़ जारी  सीबीआई जाँच बंद हो जाये, ये कैसे हो सकता है।


सुप्रीम कोर्ट ने खत्म की थी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना

शुरू से ही विवादों में घिरी केंद्र सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को असंवैधानिक करार दिया था। इस स्कीम के तहत जनवरी 2018 और जनवरी 2024 के बीच 16,518 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए थे। इसमें से ज़्यादातर राशि राजनीतिक दलों को चुनावी फंडिंग के तौर पर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा चुनाव आयोग को देने को कहा था ताकि उन्हे ंसार्वजनिक किया जा सके। इससे पता चला कि इससे बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है।  12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक बीजेपी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले। लिस्ट में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस को 1,609 करोड़ और तीसरे पर कांग्रेस  है जिसे 1,421 करोड़ रुपए मिले है।